Friday 5 October 2012

एक सवाल----- पैदाइश,,,,,, इंसानी हक़ !!!!!!

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3 comments:

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  2. लव .. दो बातें..
    १. "आपकी बहु ने तो आपको टरका दिया..मिश्राजी कि बहु को देखिये इतने गहने, पैसे, गाडी ले के आई है ..हर तीज त्यौहार पे ढेर मिठाईयां ,कपडे और शगुन ले के आती है . आप तो बहुत सीधे हैं.. आपको तो लड़की वालो ने ठग लिया"
    और ये बाते सुनते ही लड़के वाले कब इंसान से शैतान बन जाते हैं उनको खुद पता नहीं चलता.
    इसीलिए लड़की का बाप होना श्राप बन जाता है .
    २. हमें चाहे सब कुछ समझ आ जाये फिर भी हम पुरानी लिखी हुयी किताबों के आगे बेबस हो जाते हैं.
    जैन धर्म औरतों को मूर्ति छूने और पवित्र अनुष्ठान करने कि इजाजत नहीं देता
    इस्लाम लडकियों को सबके साथ मश्जिद में नमाज पढ़ने कि इजाजत नहीं देता
    हिन्दू धर्म कुवारी लडकियों को वैदिक यज्ञ करने कि इजाजत नहीं देता
    कहीं न कहीं हर किताब में औरतों को अपवित्र बताया गया है.
    हमारे अंतर की ज्वाला कितनी ही प्रखर हो जाये उसमें इतनी ताक़त नहीं आती है कि ये इन झूठे धर्म ग्रंथों को जला पाए.

    औरतों और आदमियों के लिए दोहरी नीति सदियों से चली आ रही है. इसको बदलने के लिए कितनी बहादुरी कि जरुरत है वो ऊपर लिखी दो समस्यायों से साफ़ हो जाता है.

    हम इतने बहादुर नही हैं
    हमारी बहादुरी सिर्फ कांग्रेसियों को गाली देने और पाकिस्तान के खिलाफ जहर उगलने तक सीमित है.

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  3. That I also accept but it doesn't mean that we can't change it.
    The only thing needed is that spark...
    And I have that spark.

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